Best 50+ Attitude Dosti Shayari | Latest Dosti Attitude Shayari
दोस्ती सिर्फ रिश्तों का नाम नहीं है, यह ज़िन्दगी का सहारा होती है। जब इसमें attitude मिल जाए तो यह और भी ख़ास बन जाती है। सोशल मीडिया पर लोग अपनी bonding दिखाने के लिए attitude dosti shayari पसंद करते हैं।
यह शायरी सिर्फ मज़ाक या तंज़ नहीं होती, इसमें दोस्ती की गहराई और अपनापन छिपा होता है। इसी वजह से लोग अपनी पोस्ट या स्टोरी पर dosti attitude shayari शेयर करते हैं ताकि सबको पता चले कि उनकी दोस्ती मज़बूत है।
कभी कभी यह शायरी आत्मविश्वास बढ़ाने का काम भी करती है। चाहे मस्ती हो या प्यार भरी नोकझोंक, dosti shayari attitude हर मौके पर काम आती है।
अगर आप अपने दोस्तों को दिखाना चाहते हैं कि आपकी दोस्ती अलग लेवल की है, तो attitude shayari dosti आपके लिए सबसे बेहतरीन तरीका है।
Must Read: Best 50+ Attitude Status for Boys
Attitude Dosti Shayari

दुश्मनों से प्यार होता जाये गा, दोस्तों को आज़माते जायेंगे।
हम ऐसे दोस्त रखते हैं, जिनकी जगह पापा की परी भी नहीं ले सकती।
और रही बात हमारी दोस्ती तोड़ने की, वो तो किसी का बाप भी नहीं तोड़ सकता।
मेरा एक ही दोस्त है, और वो एक ही काफ़ी है।
तू गलत होगा तो भी तेरा साथ दूंगा, वह दोस्ती ही क्या जो गलत और सही देखे।
कुछ इस लिए भी तुमसे मोहब्बत है मुझको दोस्त, मेरा कोई नहीं है तुम्हारा तो कोई हो।
दोस्ती मेरी सब से है, पर मैं किसी पर यक़ीन नहीं करता। तुम क्या नज़रअंदाज़ करोगे मुझे, मैं तो ख़ुद अपने आधे ख़ानदान से बात नहीं करता।
दोस्त ऐसे रखो कि चार लोग लड़ने से पहले कह दें, रहने दो यार ये लोग बहुत मारते हैं।
हम ऐसे दौर में हैं, यहाँ पता ही नहीं चलता, सामने बैठा इंसान दोस्त है या साँप।
नस्ली दोस्त जितना भी नाराज़ हो जाए, दुश्मनों की सफ में खड़ा नहीं होता।
साँसों का पता नहीं कब खत्म हो जाएं मेरे दोस्त, कोई दर्द हमारी वजह से मिला हो तो माफ़ करना।
दोस्ती हो या दुश्मनी, करके देखो, हम दोनों में ख़ानदानी हैं।
सिर्फ वक़्त गुज़ारना है तो किसी और को अपना बना लेना, हम दोस्ती और प्यार इबादत की तरह करते हैं।
मैं दोस्ती का दिखावा नहीं करता, मैं वहाँ साथ देता हूँ जहाँ सब साथ छोड़ जाते हैं।
ये न पूछो कि रात के इस पहर किधर चल पड़े, दोस्त वही होता है जो एक आवाज़ पर चल पड़े।
मैं थूकता हूँ ऐसी दोस्ती पर, जो उनसे हाथ मिलाए जिनके मैं खिलाफ हूँ।
अब तुम मेरी तरफ़ से आज़ाद हो, दोस्त — जहाँ मर्जी मुँह मारो, मुझे कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता।
और वह तितली हमारे किस काम की, जो हर फूल पर जा कर बैठ जाए?
दोस्तों के साथ चलने में भी खतरे हैं हज़ार, भूल जाता हूँ मैं हमेशा संभल जाने के बाद।
हमारा मसला ये है मज़ाक किससे करें, पुराना दोस्त तो अब इ़हतराम मांगता है।
मंज़िल मिल जाने से दोस्ती भुलायी नहीं जाती, हमसफ़र मिल जाने से दोस्ती मिटायी नहीं जाती, मेरा यार तू खुदा ने तोहफ़े में दिया है मुझे, इतनी क़ीमती चीज़ ज़िंदगी से हटायी नहीं जाती।
दोस्ती की है तुमसे बेफिक्र रहो दोस्त, नाराज़गी तो हो सकती है पर नफ़रत कभी नहीं।
ना जाने क्यों मेरा हर दोस्त मुझे आज़माता है, जिसे आगे बढ़ाता हूँ, वही पीछे हटाता है।
बहुत मिले मुझे ज़िंदगी में ऐ दोस्त, पर सच कहूँ तेरी बात ही कुछ और है।
2 Line Attitude Dosti Shayari
मैंने कब कहा कि वो मुझे अकेला नहीं छोड़ता, छोड़ता है मगर एक दिन से ज़्यादा नहीं छोड़ता।
बुरा नहीं हूँ मैं, मेरी भी कुछ कहानी है, ये जो बदला-बदला सा लगता हूँ मैं, अपनों की ही मेहरबानी है।
अमीर वो नहीं जिसके पास दौलत है, अमीर वो है जिसके पास मुख़लिस दोस्त है।
हर हादसा क़बूल है हमें, लेकिन ग़द्दारी और मुनाफ़क़त नहीं।
ज़रूरी तो नहीं कि हम साथ हैं तो कोई चक्कर हो, वो मेरी दोस्त है और मैं उसे अच्छा लगता हूँ।
मेरी जब बी ज़रुरत पड़ी याद कर लेना दोस्त, तेरा यार पैसों सय न सेही लकिन दिल सय भट अमीर है।
तेरी जुदाई से डरता हूँ, मुझे डरने दे, तुझसे बिछड़ के मरता हूँ, मुझे मरने दे, तू मुझे प्यार करे या न करे तेरी मर्ज़ी, मैं तुमसे प्यार करता हूँ, मुझे प्यार करने दे।
और तू मेरा वाहिद दोस्त है, जिसे मैं खून से डरता हूँ।
मैं जिसे चाहे छोड़ सकता हूँ, मैंने खुद को किसी का आदि नहीं होने दिया।
मतलब की नज़र से मत देख दोस्ती को, वफ़ादार दोस्त अक्सर गरीब होते हैं।
मैं दोस्ती का हर बढ़ता हाथ चूमता हूँ, बस इक शर्त है बंदा नमक हरां न हो।

मुझे मालूम नहीं दोस्ती की तारीफ़ मगर, यार सीने से लगे तो सुकून मिलता है।
यूँ तो आदत नहीं मुझे मुड़ कर देखने की, तुझे देखा तो सोचा चलो एक बार और देख लें।
वो बिक चुके थे जब हम खरीदने के काबिल हुए, ज़माना बीत चुका था ग़ालिब, हमें अमीर होते-होते।
तुम सिर्फ दोस्त नहीं, मेरे जिगर का टुकड़ा हो।
Attitude Dosti Shayari in Hindi
शैरों वाला हौसला पैदा हो ही जाता है, जब दोस्त कहते हैं, ‘हम संभाल लेंगे’।
मैं हो तो जाऊँ पहले जैसा, पर मुझे याद नहीं मैं था कैसा।
शायद इसी लिये पीछे हूँ, मुझे होशियारी नहीं आती, बेशक लोग न समझें वफ़ादारी मेरी, लेकिन मुझे ग़द्दारी नहीं आती।
हमारा इतबार ना तोड़ना दोस्त, हम सुलह कर भी लें तो पहले जैसा मुक़ाम नहीं देते।
मैं नाम नहीं लेना चाहता दोस्त, लकिन गद्दारों की महफ़िल मैं हसि की आवाज़ तेरी बी थी।
मुझे मारने की चाहत अपने दिमाग़ से निकाल दो, शरीफ़ सिर्फ़ मैं हूँ, मेरे यार नहीं।
हमें धोखा देना है तो जनाब, दोस्त बनकर आओ।
तुम्हें हमारी वेहशत का अंदाज़ा तब होगा, जब बात हमारे यारों पर आएगी।
अपनों से ही सीखा है, कि कोई अपना नहीं होता।
कसूर तेरा नही हा पिआरी, बदनस्ली कभी दोस्ती नहीं निभाती।
main lab e shikwa ko c laita hoan, chand garian hain youn he g laita hoan, par ik baar samj laita hoan jisy dost ka hath, phir us hath sy zehar b p laita hoan.

फिर दोस्ती में एक ऐसा वक़्त आया, न उसने मुझे मनाया, न मैंने उसे मनाया।
और हर चीज़ ज़िद कर के पाने वाले हम, तुझे पाने के लिए सब्र कर रहे हैं।
Conclusion
Attitude dosti shayari में अक्सर मजबूती, इरादा और जुनून के साथ-साथ प्यार और भरोसे का मिश्रण होता है, जो इसे बेहद असरदार बनाता है। यह शायरी न सिर्फ दोस्तों को जोड़ती है बल्कि उन्हें उनकी दोस्ती की अहमियत और अपने रिश्ते में खड़े होने की प्रेरणा भी देती है।